गंडक नदी के जलस्तर में उतार चढ़ाव को लेकर दहशत में ग्रामीण

गंडक नदी का जलस्तर घटने से कटाव तेज़,रात भर तटबंध की निगरानी कर रहे अभियंता,दहशत में लोग ग्रामीणों ने आरोप लगाया की हर वर्ष बाढ़ पूर्व व बाढ़ के दौरान अधिकारी व जनप्रतिनिधि गाँव में आते हैं और आश्वाशन देकर जाते हैं की अबकी बार उन लोगों को सुरक्षित स्थान पर बसा दिया जायेगा।

गंडक नदी के जलस्तर में उतार चढ़ाव को लेकर दहशत में ग्रामीण

Nbc24 desk:- गंडक नदी का जलस्तर घटने से कटाव तेज़,रात भर तटबंध की निगरानी कर रहे अभियंता,दहशत में लोग ग्रामीणों ने आरोप लगाया की हर वर्ष बाढ़ पूर्व व बाढ़ के दौरान अधिकारी व जनप्रतिनिधि गाँव में आते हैं और आश्वाशन देकर जाते हैं की अबकी बार उन लोगों को सुरक्षित स्थान पर बसा दिया जायेगा। लेकिन, गाओं से लौटते ही ज़िम्मेदार अपनी ज़िम्मेदारी को भूल जाते हैं। 

बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में बढ़ का केहर शुरू हो गया है। मुज़्ज़फरपुर के तीन प्रखंड औराई, कटरा और मणिपुर में तबाही की हालात बन गयी हैं। बागमती और गंडक नदी उफान पर हैं।  नेपाल में हो रही तेज़ बारिश के कारण इस नदी के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. अबतक दर्जनों गाओं में बाढ़ का पानी घुस जाने से लोग बांध की और पलायन कर रहे है। वहीं, सड़कों पर पानी चढ़ जाने और बह जाने से कई गाँव का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है। हालाँकि गंडक नदी का जलस्तर अब घटने लगा है। लेकिन कटाव तेज़ हो गया है। कटाव होने के कारण तटबंध के पास बसे गाँवो के लोगों में दहशत का माहौल है। 

पिछले दो दिनों से गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि

प्रखंड क्षेत्र के दियारावर्ती लोगों में बेचैनी बढ़ गयी हैं। सेमरा लबेदा ,मंझरिया व बलुआ  ठोरी पंचायत के लोग जीवन को बचने के जद्दोजेहद शुरू कर दिए हैं। पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी स्थानीय प्रशासन की असंवेदनदील रवैया से नाराज़ ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। ग्रामीणों ने आरोप लगाया की हर वर्ष बाढ़ पूर्व व बाढ़ के दौरान अधिकारी व जनप्रतिनिधि गाओं में आते हैं और आश्वासन देकर जाते हैं की अबकी बार उन लोगों को सुरक्षित स्थान पर बसा दिया जायेगा लेकिन, गाओं से लौटते ही ज़िम्मेदार अपनी ज़िम्मेदारी को भूल जाते हैं। 

गंडक नदी के जलस्तर में उतार चढ़ाव को लेकर परेशांन  रहे अभियता

 मधुबनी में गंडक नदी के जलस्तर में उतार चढ़ाव को लेकर रात भर अभियंता परेशां रहे. पिपरा पिपरासी तटबांध के शुन्य किमी से लेकर 35 किमी तक अभियंता अपने-अपने क्षेत्र में बांध की सतत निगरानी मौसमी मज़दूरों के साथ कर रहे हैं। कनिये अभियंता ब्रजेश कुमार ने बताया की वाल्मीकिनगर गंडक ब्रज से शनिवार की शाम 6 बजे 2 लाख 67 हज़ार 200 क्यूसेक पानी गंडक नदी में छोड़ी गयी थी। यह इस माह का सबसे अधिक जलस्तर में वृद्धि है। 

गंडक नदी का जलस्तर घटने के साथ ही काँटी टोला में कटाव तेज़। 

यह पानी लगभग 12 घंटे के बाद दुलारी पॉइंट पर आने में लग जाता है. जिसकी निगरानी एवं चौकसी जारी है। फिलहाल जलस्तर में गिरावट हो रही है। रात दिन अभियंता रात्रि जागरण कर कटाव स्थलों की निगरानी में जुटे हुए हैं। इसलिए कहीं दबाव या कटाव की स्तिथि उत्पन्न नहीं हुई है।  सभी स्थल सुरक्षित है। सतत निगरानी किया जा रहा है। विभिन्न स्थानों पर कैंप किये हुए है। गंडक नदी का जलस्तर घटने के साथ ही काँटी टोला में कटाव तेज़ हो गया है।